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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

ऐं click here ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।

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